सफ़ेद बाल
क्या आप जानते है, हमारे बाल औसतन हर दिन ०.33 मिली मीटर बढ़ते है, यानि एक महीने में हमारे बाल औसतन एक सेंटीमीटर बढ़ते है। बालो का रंग सफ़ेद होना एक आम बात है। बढ़ती हुई उम्र के साथ साथ बालो का सफ़ेद होना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। क्या हो अगर बाल भरी जवानी में सफ़ेद होने लग जाये? यह एक चिंता का विषय बन जाता है। बालो की जड़ो में कई विशेष प्रकार की कोशिकाएं होती है, इन विशेष कोशिकाओं को मेलानोसाइट्स कहते है, ये मेलानोसाइट्स एक मेलानिन नाम का पिग्मेंट बालो की जड़ो में छोड़ते है जिससे बालो को उनका प्राकृतिक रंग मिलता है। मेलानोसाइट्स एक निश्चित उम्र तक व्यक्ति के बालो में मेलानिन पैदा करता है। जवान युवको और युवतियों में समय से पहले सफ़ेद बाल तभी आते है जब मेलानोसाइट्स काम करना बंद कर देते है जिस कारण मेलानिन पिग्मेंट उत्पन्न नहीं हो पाता।
बालो का सफ़ेद होना कैनीटाइस कहलाता है, आयुर्वेद के अनुसार ३२ साल से पहले सफ़ेद बालो का आना प्राकृतिक नहीं है। आयुर्वेद में बालो के उम्र से पहले सफ़ेद होने को अकाल पालित्य कहते है।
बालो के सफ़ेद होने के कई कारण हो सकते है, जैसे-
जब हमारा शरीर कोई अंदुरनी या बाहरी तकलीफ से गुजरता है तो वह कई चीजों के माध्यम से हमें सुचना देता है, ताकि हम सही समय में सही कदम उठाकर उस तकलीफ और समस्या का समाधान कर सके। बालो के सफ़ेद होने की शुरुआत में ही उसका उपचार समस्या को कुछ ही समय में मिटा सकता है। बालो का समय से पहले सफ़ेद होना कई गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है, बालो का समय से पहले सफ़ेद होना डायबिटीज, एनीमिया और थाइरोइड जैसी गंभीर समस्याओ का संकेत हो सकता है। बालो के समय से पहले सफ़ेद होने से व्यक्ति अपनी उम्र से अधिक बड़ा लगने लगता है, उसमे हीन भावना का जन्म होने लगता है, कॉन्फिडेंस नहीं रहता, समाज में अलग-थलग हो जाता है। इसका समय में उपचार और देख रेख जरुरी है।
क्या न करें -
क्या करें -
पहला घरेलू उपचार के लिए सामग्री-
निर्देश-
आमला, तुरई, अदरक और कलोंजी के बीज को तेल में मिला ले और मंदी आंच में लोहे के कड़ाही में टुकड़ो के भूरा होने तक गर्म करें । भूरा होते ही उसको छानकर एक डिब्बे में भरले और सफ्ताह में सोने से पहले बालो की जड़ो में अच्छी तरह से लगाए।
दूसरा घरेलु उपचार के लिए सामग्री-
निर्देश-
करी पत्तो को नारयल तेल में अच्छी तरह से मिलाकर मंदी आंच में पत्तो के भूरा होने तक गर्म करें और भूरा होने के बाद सावधानी से छानकर एक डिब्बे में भरले और सप्ताह में तीन बार इस तेल को नरम हाथो से बालो की जड़ो में मले।
तीसरा घरेलु उपचार के लिए सामग्री-
निर्देश-
निम्बू के रस को बादाम तेल में अच्छी तरह मिलाये और नरम उंगलियों में वह मिश्रण लेकर सर की चम्फी करें । आधे घंटे बाद सर को धो ले।
चौथा घरेलु उपचार सामग्री-
निर्देश-
आमला के टुकड़ो को तेल में कुछ मिनटों के लिए गर्म करें फिर मेथी-दाना पाउडर उसमे मिलाये और छानले, मिश्रण को ठंडा होने दे और सोने से पहले बालो की जड़ो में लगाए।