उच्च रक्तचाप अथवा हाई बीपी के घरेलू उपचार

उच्च रक्तचाप अथवा हाई बीपी के घरेलू उपचार

हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप)

हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन जिसे उच्च रक्तचाप भी कहते है, एक गंभीर बीमारी है जो हृदय, मस्तिष्क, गुर्दे (किडनी) और अन्य अंगो से सम्बंधित रोगो को बढ़ाता है व उनके जन्म का कारण बनता है।  WHO की एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के 30 वर्ष से 79 वर्ष तक की उम्र के कुल लोगो में से 128 करोड़ से अधिक लोग उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) के साथ अपना जीवन व्यतीत कर रहे है। उम्र से पहले मृत्यु दरो के बढ़ने में उच्च रक्तचाप या हाई ब्लड प्रेशर का सबसे बढ़ा योगदान है। अगर हम केवल भारत के आकड़ो की बात करे तो भारत में हर साल उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन/ हाई ब्लड प्रेशर) के 1 करोड़ से अधिक नए मरीज आते है। अगर हम दुनिया की ओर देखे तो 46 % से अधिक लोगो को यह पता ही नहीं रहता की वह उच्च रक्तचाप या हाई ब्लड प्रेशर के साथ अपना जीवन व्यतीत कर रहे है और असम्यक ही अधिकतर इन लोगो की मृत्यु देखी गयी है।

 

क्या है उच्च रक्तचाप?

हमारा हृदय शरीर के प्रत्येक अंग में रक्त को एक निश्चित दबाव के साथ पंप करता है। उच्च रक्तचाप या हाई ब्लड प्रेशर में हृदय रक्त को निश्चित दबाव से अधिक दबाव में रक्त को धमनियों द्वारा शरीर में संचिरित करता है, अत्यधिक दबाव के कारण रक्त धमनियों की दीवारों (आर्टरी वाल्स) के विरुद्ध कार्य करता है और धमनियों में अत्यधिक दबाव उत्पन्न करता है, जिससे प्लेक्स के धमनियों में सूजन या धमनियों के मार्ग में रूकावट बनने के अवसर बढ़ जाते है, जो बाद में हार्ट ब्लॉकेज का कारण बनती है। उच्च रक्तचाप या हाई ब्लड प्रेशर हमें अंततः हार्ट अटैक, स्ट्रोक, गुर्दे की बीमारी इत्यादि रोगो की ओर ले जाता है।

 

उच्च रक्तचाप  या हाई ब्लड प्रेशर और रक्तचाप को स्फिग्मोमेनोमेटेर से नापते है। निचे कुछ आकड़े दिए गए है, जिससे आप स्फिग्मोमेनोमेटेर में देख कर पता कर सकते है की आपका रक्तचाप कितना अधिक है अथवा कितना सामान्य है-

सामान्य रक्तचाप में सिस्टोलिक में माप 120 mm Hg से कम और डायास्टोलिक में माप 80 mm Hg से कम होता है।

उच्च रक्तचाप में सिस्टोलिक में माप 140 mm Hg या इससे अधिक और डायस्टोलिक में माप 90 mm Hg या इससे अधिक होता है।

यदि माप सामान्य रक्तचाप और उच्च रक्तचाप के बिच में कुछ भी आता है तो, यह स्थिति गंभीर होती है और यह शुरुआती उच्च रक्तचाप होता है जो बाद में उच्च रक्तचाप बन जाता है।

 

उच्च रक्तचाप के क्या लक्षण है ?

उच्च रक्तचाप या हाई ब्लड प्रेशर जिन व्यक्तियों को होता है वो निम्न लक्षण महसूस करते है-

  • सर में दर्द
  • नाख से खून बहना
  • बहुत ज्यादा थकावट
  • नजर में कमी
  • सीने में दर्द
  • हृदय गति में अनियमता
  • पेशाब से रक्त आना
  • सांस लेने में समस्या
  • बहुत पसीने आना
  • सोने की समस्या

 

उच्च रक्तचाप या हाई ब्लड प्रेशर से क्या समस्याएं हो सकती है?

उच्च रक्तचाप कई अन्य बीमारियों को बढ़ावा देने का कार्य करता है व कुछ बीमारियों को यह स्वयं ही उत्पन्न करता है, वे बीमारिया निम्न है-

  • हार्ट अटैक (दिल का दौरा)
  • गुर्दे में खराबी
  • मस्तिष्क में स्ट्रोक
  • नसों में और रक्त धमनियों में खराबी
  • धड़कन का थम जाना
  • हार्ट ब्लॉकेज

 

उच्च रक्तचाप या हाई ब्लड प्रेशर होने के क्या कारण है?

उच्च रक्तचाप होने के मुख्य कारण निम्न है-

  • धूम्रपान और मदिरा का अत्यधिक सेवन
  • अत्यधिक मोटापा
  • शारीरिक निसक्रियता
  • नमक या लवणीय पदार्थो का अत्यधिक सेवन
  • चिंता से भरा जीवन
  • बढ़ती हुई उम्र
  • पारिवारिक उच्च रक्तचाप का इतिहास
  • थाइरोइड डिसऑर्डर
  • गुर्दे की पुरानी बीमारी
  • हार्ट ब्लॉकेज
  • ठीक से नींद न आना

 

क्या करे और क्या न करे जब उच्च रक्तचाप हो?

उच्च रक्तचाप से पीड़ित व्यक्ति को निचे बताई गए निर्देशों का पालन करना चाहिए और उच्च रक्तचाप जैसी गंभीर बीमारी से बचने का प्रयास करना चाहिए-

  • लवणीय और नमक से परहेज करना चाहिए
  • तला-भुना खाना खाने से बचना चाहिए
  • खाने को रोजाना एक निश्चित समय में खाना चाहिए
  • रोजाना व्यायाम और शारीरिक सक्रियता बनाई रखनी चाहिए
  • धूम्रपान और शराब का सेवन बंद करना चाहिए
  • वजन को सामान्य रखना चाहिए
  • पानी की प्रचुर मात्रा रोजाना पीनी चाहिए
  • जीवन को खुश होकर जीना चाहिए

 

उच्च रक्तचाप अथवा हाई बीपी के घरेलू उपचार (होम रेमेडी)?

उच्च रक्तचाप या हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए होम रेमेडीज-

 

पहला घरेलु नुस्खा उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए-

सामग्री- एक चम्मच धनिया पाउडर, एक चुटकी इलायची पाउडर और एक चम्मच आडू का जूस

निर्देश- इन सभी चीजों को अच्छी तरह से आपस में मिला ले और रोजाना तीन बार पिए।

 

दूसरा घरेलु नुस्खा उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए-

सामग्री- मूंग की दाल, धनिया के कुछ हरे पत्ते, एक चुटकी जीरा पाउडर और एक चुटकी हल्दी पाउडर

निर्देश- इन सभी पदार्थो का अच्छी तरह आपस में मिला ले और रोजाना पिए।

 

तीसरा घरेलु नुस्खा उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए-

सामग्री- एक चम्मच शहद, एप्पल विनेगर की 10 बुँदे और एक कप गर्म पानी

निर्देश- इन चीजों को अच्छी तरह आपस में मिला ले और रोजाना दिन में दो बार पिए।

 

चौथा घरेलु नुस्खा उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए-

सामग्री- खीरा (ककड़ी) और रायता बनाने की सामग्री

निर्देश- खीरे का रायता रोजाना खाने के साथ खाना शुरू कर दीजिये।

 

पांचवा घरेलु नुस्खा उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए-

सामग्री- नारयल पानी और संतरे का जूस

निर्देश- दोनों उत्पादों की बराबर मात्रा ले और एक कप रोजाना दिन  में 3 बार पिए।

 

छटा घरेलु नुस्खा उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए-

सामग्री- तरबूज, इलायची पाउडर और धनिया पाउडर

निर्देश- तरबूज को काटकर उसमे इलायची पाउडर और धनिया पाउडर अच्छी तरह लगाले और रोजाना इसका सेवन करे।

 

सातवा घरेलु नुस्खा उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए-

सामग्री- प्याज का जूस और शहद

निर्देश- एक चम्मच प्याज के जूस को दो चम्मच शहद के साथ अच्छी तरह मिला ले और हर सुबह इसका सेवन करे।

 

आठवा घरेलु नुस्खा उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए-

सामग्री- लहसून

निर्देश- रोजाना खाने में लहसून का प्रयोग करे।

 

नवा घरेलु नुस्खा उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए-

सामग्री- करी के कुछ पत्ते और पानी

निर्देश- करी पत्तो को पानी में डालकर अच्छी तरह गर्म कर ठंडा कर रोजाना पिए।

 

दसवा घरेलु नुस्खा उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए-

सामग्री- गांजर और चुकुन्दर

निर्देश- रोजाना गांजर व चुकुन्दर का सलाद के रूप में उपयोग करे और इसका सेवन करे।

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